Computer Memory Kya Hoti Hai in Hindi - What is Computer Memory
साथियों, Memory कंप्यूटर का एक बहोत ही मुख्य भाग होता है. इस पोस्ट में आज हम इसी के बारे में जानेगे की Computer Memory Kya Hoti Hai in Hindi में, आपके बहोत सारे सवाल (Question) होंगे की कंप्यूटर मेमोरी क्या होती है, और कंप्यूटर मेमोरी कितने प्रकार की होती है.
जैसा की आप जानते है, कंप्यूटर किसी भी कार्य को चार क्रियाओं के अंतर्गत सम्पन करता है. सबसे पहले वह इनपुट डिवाइस द्धारा डाटा इनपुट करता है. उसके बाद वह इनपुट किए गए डाटा को मेमोरी में स्थाई और अस्थाई रूप से Save करता है. मेमोरी में Save डाटा CPU द्धारा प्रोसेस किए जाते है.
प्रोसेस की गई सुचना का परिणाम आउटपुट उपकरणों की सहायता से प्रदर्शित किया जाता है. मेरी इस पोस्ट में Computer Memory के लिए ही बताया गया है, कि कंप्यूटर मेमोरी क्या है और यह कितने प्रकार की होती है.
Computer Memory Kya Hai in Hindi |
कंप्यूटर मेमोरी की मापन इकाइयां - Units of Computer Memory
Computer डेसिमल नम्बर को नहीं समझता है. यह जिन नंबरों को समझता है, उन्हें बाइनरी नंबर कहा जाता है. बाइनरी नंबर में केवल दो ही संख्याएं होती है. बाइनरी डिजिट को बिट कहा जाता है तथा कंप्यूटर मेमोरी इकाई को बिट में मापा जाता है. इनका विस्तृत वर्णन निम्न प्रकार है..
Units of Computer Memory in Hindi |
कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार हिंदी में - Types of Computer Memory in Hindi
दोस्तों, कंप्यूटर सिस्टम की वह इकाई जो डाटा या सूचनाओं को Save रखता है. भले ही वह डाटा को परमानेंट या टेम्पररी सेव करने का कार्य करे, उन्हें Computer Memory उपकरण कहते है. कंप्यूटर मेमोरी को निम्न प्रकार से विभाजित किया गया है..
Types of Computer Memory in Hindi |
कंप्यूटर प्राइमरी मेमोरी - Computer Primary Memory in Hindi
यहाँ में आपको बता दूँ की CPU की कार्य करने की क्षमता नैनो सेकण्ड होती है. मतलब इसकी निर्देशों को प्रोसेस करने की गति काफी तेज होती है. प्रोसेसिंग के दौरान Computer Primary Memory डाटा को अपने मेमोरी रजिस्टर में से प्रयोग करती है.
Hard Disk या अन्य द्वितीय मेमोरी की गति इतनी नहीं होती है, कि वह CPU की प्रोसेसिंग की तेज गति के अनुसर उसे डाटा प्रदान कर सके. CPU की प्रोसेसिंग की तेज गति को मिसमैच होने से बचाने के लिए मध्यस्थ स्तर पर एक मेमोरी प्रयोग की जाती है, जो प्रोसेस होने वाले डाटा को Store कर सके.
और CPU की प्रोसेसिंग क्षमता के अनुरूप तीव्र गती से डाटा प्रदान कर सके. इस प्रकार के मेमोरी को मेन मेमोरी, प्राइमरी मेमोरी, प्राथमिक या आन्तरिक मेमोरी कहा जाता है. यह मेमोरी चिप के रूप में इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) द्धारा बनी होती है तथा मदरबोर्ड पर स्लॉट्स में लगाई जाती है. यहाँ आपको बता दे की प्राइमरी मेमोरी 2 प्रकार की होती है..
- RAM
- ROM
1. RAM - Random Access Memory
Random Access Memory (RAM) को प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory), मैन मेमोरी (Main Memory) तथा वोलेटाइल मेमोरी के नाम से जाना जाता है. यह मेमोरी अस्थाई रूप से डाटा स्टोर करती है. इसी कारण इसे वोलेटाइल मेमोरी कहा जाता है. यह मेमोरी सिस्टम में पावर ऑन रहने तक सूचना को स्टोर कर सकती है. लेकिन पावर ऑफ हो जाने पर इसमें राखी हुई सुचना गायब हो जाती है.
इस मेमोरी को रेंडम एक्सेस मेमोरी भी कहा जाता है. रैंडम एक्सेस मेमोरी वह मेमोरी होती है. जिसके किसी भी मेमोरी स्थान (Place) पर Store Data को एक समान टाइम में खुले रूप से Access किया जा सके. प्राइमरी मेमोरी RAM के किसी भी मेमोरी को एक समान टाइम में रीड किया जा सकता है.
इसी कारण इसे Random Access Memory के नाम से जानते है. प्राइमरी मेमोरी RAM को दो प्रकार से डिजाइन किया गया है. फिक्स वर्ड लेन्थ मेमोरी तथा वेरीयबल वर्ड लेन्थ मेमोरी. स्टेटिक रैम और डायनेमिक रैम.
2. ROM - Read Only Memory
रीड ओनली मेमोरी में एक बार डाटा स्टोर करने के बाद, उसको बार-बार रीड किया जा सकता है. उसमे डाटा को फिर से स्टोर नहीं किया जा सकता. ROM भी इसी श्रेणी की मेमोरी में आती है. रोम में डाटा या निर्देश लिखने की प्रक्रिया को Burning कहा जाता है. ROM को नॉन वोलेटाइल मेमोरी खा जाता है.
क्योकि इसमें लिखे हुए डाटा स्थाई होते है. पावर ऑफ हो जाने पर इन डाटा या निर्देशों पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. रोम का प्रयोग मइक्रोप्रोग्राम स्टोर करने के लिए किया जाता है. मइक्रोप्रोग्राम कंप्यूटर इंस्ट्रक्शन सैट से सम्बन्धित प्रोग्राम्स होते है,
जो कंप्यूटर से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के लो-लेवल कार्य करने के लिए प्रयोग में लिए जाते है. सिस्टम बूट प्रोग्राम तथा सिस्टम बायोस मइक्रोप्रोग्राम के महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो ROM के अन्दर Save होते है. मइक्रोप्रोग्राम Save करने के आधार पर ROM को कई भागो में बांटा जा सकता है.
कंप्यूटर सहायक मेमोरी - Computer Secondary Memory in Hindi
Computer System में सुचना को स्थाई रूप से स्टोर करने के लिए सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) का प्रयोग किया जाता है. यह मेमोरी नॉनवोलेटाइल मेमोरी होती है, मतलब सिस्टम की पावर ऑफ जाने पर इसमें सेव डाटा या सुचना पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है,
तथा आवश्यकता होने पर उनका प्रयोग कभी भी किया जा सकता है. Secondary Memory में सुचना स्टोर करने की क्षमता मैन मेमोरी से कई गुणा अधिक होती है. यह मैन मेमोरी से काफी सस्ती भी होती है. Computer Secondary Memory के मुख्य उदहारण निम्न प्रकार है..
- Magnetic Tape
- Hard Disk
- Floppy Disk
- Compact Disk
Computer Secondary Memory को मुख्यतः दो भागो में विभाजित किया जा सकता है, जोकि निम्न प्रकार से है..
- सिक्वेन्शियल एक्सेस डिवाइस - Sequential Access Device
- डायरेक्ट एक्सेस डिवाइस - Direct Access Device
Sequential Access Device
Sequential Access Device वह डिवाइस होती है. जिनमे से सूचना को उसी Order में Access किया जाता है, जिस आर्डर में उनको लिखा (Written) गया है. इस प्रकार के उपकरण में विशेष मेमोरी स्थान पर सेव सुचना को आगे तथा पीछे करके ही प्राप्त किया जा सकता है. चुंबकीय टेप (Magnetic Tape) इसका मुख्य उदाहरण है.
Direct Access Device
Direct Access Storage Device या रैंडम एक्सेस डिवाइस वह होती है. जिनसे स्टोरेज स्थान को सीधे पढ़ा जा सकता है, अर्थात किसी भी मेमोरी स्थान को पढ़ने में एक समान समय लगता है.
उदाहरण के तोर पर सीडी (CD) में हमें किसी भी प्रकार की ऑडियो तथा वीडियो देखने या सुनने के लिए उसे किसी भी प्रकार से फॉरवर्ड या बैकवर्ड करने की आवश्यकता नहीं होती है.
डायरेक्ट एक्सेस स्टोरेज डिवाइस के मुख्य उदाहरण Magnetic Disk, Floppy Disk, Hard Disk, Optical Disk (CD-ROM, WORM, Erasable Optical Disk) प्रकार से है.
मुझे अब लगता है कि आप अच्छे से समझ गए होंगे की, Computer Memory Kya Hoti Hai in Hindi या कहें What is Computer Memory in Hindi , और आपको अब ये भी अच्छे से पता चल गया है की कंप्यूटर मेमोरी कितने प्रकार की होती है. पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट जरूर करें.
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